मंदिर,मस्जिद,चर्च,गुरुद्वारा , आश्रम इतनी शान्ति,इतना सुकून , इतनी शक्ति,क्यूँ महसूस होती है? जब हम वहाँ है,हमारी हर सोच भगवान के प्यार,सेवा भाव की है | सोच से वातावरण बनता है | क्या हम वही वातावरण अपने घर का बना सकते है ? Bk Shivani
हम सबको मिलकर सृष्टि की इस हवा को बदलकर शुद्ध तथा आस -पास के वातावरण को पवित्र बनाने के लिए पॉंच विकारो - काम ,क्रोध ,लोभ ,मोह ,अहंकार को छोड़कर | सात गुणों - पवित्रता ,शांति ,शक्ति प्यार ,ख़ुशी ,ज्ञान और गंभीरता को अपनाना होगा | Bk Shivani